Friday 31 March 2017

5 प्राचीन लुप्त अविष्कार जिन्हें हम दोबारा नहीं बना पाये | 5 Prachin Lupt Avishkaar Jinhe Hum Dobara Nahi Bana Paye | 5 Ancient Lost Inventions Which we Could not Make Again

5 प्राचीन लुप्त अविष्कार जिन्हें हम दोबारा नहीं बना पाये
दोस्तों आज के आधुनिक यूग में मानव रोज नए नए आविष्कार कर रहे है जो हमारी सभ्यता को और भी तेजी से आगे बढ़ा रहे है. ऐसे में जब हम अपने इतिहास पर नजर डालते है तो पाते है कि पहले इंसान विज्ञान जगत में कितना पीछे था और तकनीक के अभाव में उन्हें कितना कठिन और साधारण जीवन जीना पड़ा. लेकिन ऐसा नहीं है क्योकि प्राचीन काल में भी मनुष्यों ने ऐसी खोजें और आविष्कार किये है जिन्हें आज का आधुनिक मनुष्य अब तक नहीं बना पाया है. आज हम आपको ऐसे ही 5 अविष्कारों के बारे में बताएँगे जो समय के साथ खो गये है और जिन्हें हम आज के आधुनिक युग में अब तक नहीं बना पाए है.
5 प्राचीन लुप्त अविष्कार जिन्हें हम दोबारा नहीं बना पाये
5 प्राचीन लुप्त अविष्कार जिन्हें हम दोबारा नहीं बना पाये
#1
Greek Fire  or Liquid Fire :
पूर्वी रोमन एम्पायर जिसे Byzantine Empire के नाम से भी जाता है, वे 7वीं से 12वीं शताब्दी तक युद्ध में एक रहस्यमयी हथियार का इस्तेमाल करते थे जिसे The Greek Fire or Liquid Fire कहते है. इस हथियार को Syria के एक मिलिट्री इंजिनियर क्लिनिकोस Kallinikos ने बनाया था. The Greek Fire से एक ऐसा तरल पदार्थ निकलता था जो आग की लपटों से भरा होता था. इस हथियार में से निकलने वाली आग की ख़ास बात ये थी कि वो पानी पर भी चलती थी और इसे सिर्फ सिरके या फिर मिटटी से ही भुझाया जा सकता था. साथ इस आग को बनाने का तरीका सिर्फ कुछ ख़ास लोगों को ही पता था और इसलिए समय के साथ The Greek Fire को बनाने का तरिका लुप्त हो गया. हालाँकि कुछ लोगों ने The Greek Fire को बनाने की कोशिश की भी है लेकिन उनकी कोशिश सफल नहीं हो पायी.

#2
Vitrum Flexile :
काँच के 2 गुण होते है पहला तो ये आसानी से टूट जाता है और दूसरा ये पारदर्शी होता है, हालाँकि अब हमने कुछ ऐसे काँच बना लिए है जो आसानी से नहीं टूटते, जिनका इस्तेमाल हम फ़ोन में टेम्पर्ड के रूप में करते है. लेकिन अब भी हम कभी ना टूटने वाले काँच को बनाने की तकनीक से काफी दूर है. वहीँ अगर हम इतिहास को देखें तो पाते है कि इस तकनीक को हजारों साल पहले ही पा लिया गया था, जी हाँ, रोमन इतिहास में एक ऐसे पदार्थ का जिक्र मिलता है जिसे Vitrum Flexile कहा जाता है. जिसके अनुसार 14 AD से 37 AD के बीच एक बार एक अनजान आदमी रोमन किंग Tiberius की सभा में आता है और दावा करता है कि उसके द्वारा बनाया गया काँच का घडा कोई नहीं तोड़ सकता. उस अनजान आदमी के दावे को खारिज करने के लिए काँच के घड़े को कई बार पटका गया और कई तरह से उसे तोड़ने की कोशिश की गयी. लेकिन काँच नहीं टुटा बल्कि वो मुड गया. ऐसे में उस अनजान आदमी ने काँच को हथौड़े से पीटकर फिर से उसे घड़े की शेप में ले आया. ये सब देखकर सम्राट Tiberius और सभा के बाकी सभी लोग हैरान थे और उन्होंने उस व्यक्ति से पूछा कि इस काँच को बनाने कि विधि किस किस को पता है. उस व्यक्ति ने जवाब दिया कि सिर्फ उसे ही इस विधि का पता है, उसके ऐसा कहते ही सम्राट ने उसका सिर धड से अलग करवा दिया. दरअसल सम्राट को डर था कि ये चीज सोने और चांदी की कीमत को गिरा देगी. इस तरह उस व्यक्ति के साथ ही ये आविष्कार भी लुप्त हो गया और हम आज तक इसे दोबारा नहीं बना पाए.
5 Prachin Lupt Avishkaar Jinhe Hum Dobara Nahi Bana Paye
5 Prachin Lupt Avishkaar Jinhe Hum Dobara Nahi Bana Paye
#3
Roman Concrete : 
दोस्तों, रोम में ऐसी कई इमारते है जो आज भी हजारों सालों से समय को मात देकर खड़ी है, इन इमारतों की बुनियाद और इनका अभिन्न अंग है इनमे इस्तेमाल हुआ कोन्क्रेट, लेकिन इनमे कोई सामान्य कोन्क्रेट इस्तेमाल नहीं हुआ था. जी हाँ, जहाँ आज के कोन्क्रेट सिर्फ 100-150 साल तक ही टिकते है वहीँ इन इमारतों में प्रयोग हुआ कोन्क्रेट हजारों सालों तक खड़े रहने के लिए ही तैयार किया जाता था और यही वजह है कि हजारों सालों में इतनी आपदाएं आने के बाद भी ये इमारते खड़ी है. कहा जाता है कि उस वक़्त कोन्क्रेट में ज्वालामुखी का राख भी मिलाया जाता है क्योकि ये राख दरारों को फैलने से रोकती है. लेकिन समय के साथ ही इस कोन्क्रेट को तैयार करने की असली विधि भी समय में ही खो गयी.

#4
Rust Free Iron
भारत के प्राचीन धातु विज्ञान का एक जीता जाता नमूना आज भी दिल्ली के क़ुतुब काम्प्लेक्स में स्थित है. जी हाँ क़ुतुब काम्प्लेक्स में एक ऐसा लोहे का खम्भा है जिसे करीब 1500 साल से भी पहले का बताया जाता है. इस खम्बे की ख़ास बात ये है कि ये इतने सालों के मौसम परिवर्तन और खुले में बने होने के बाद भी इसमें जंग का नामोनिशान तक नहीं है. ये खम्भा 24 फुट उंचा है और इसका वजन करीब 6 टन है. साथ ही इसपर ऑक्साइड की एक परत भी चढ़ाई गयी है और यही परत इसे जंग लगने से भी बचाती है. कहा जाता है कि इस खम्भे को गुप्त साम्राज्य में उदयगिरी में स्थापित किया गया था और फिर वहां से इसे दिल्ली लाया गया था. लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि हम आज भी इस तरह के लोहे को नही बना पाए है जो पूरी तरह जंगरोधी हो.
5 Ancient Lost Inventions Which we Could not Make Again
5 Ancient Lost Inventions Which we Could not Make Again
#5
Archimedes Ray Weapon :
ग्रीस के विख्यात गणितज्ञ Archimedes ने 212BC में एक ऐसा हथियार का निर्माण किया था  -जो सूरज की किरणों को दुश्मनों के जहाज़ों पर रिफ्लेक्ट कर उन्हें जला देता था. कहा जाता है कि इस हथियार में कई बड़े दर्पणों का इस्तेमाल होता था लेकिन फिर भी अनेक लोगों का मानना है कि इस तरह का हथियार बनाना संभव नहीं है क्योकि इस हथियार से किसी भी चीज को जलाने में काफी समय लगेगा और इसका इस्तेमाल करने के लिए अनुकूल प्राकृतिक परिस्थितियों का होना भी जरुर है. इसीलिए इस हथियार को कुछ लोग सिर्फ काल्पनिक कहानी भी बताते है. परन्तु MIT के छात्रों ने इस एक्सपेरिमेंट को करके देखा और उन्हें कई दर्पणों का इस्तेमाल करके एक छोटी नाव में आग लगाने में सफलता भी मिली.

तो दोस्तों ऐसी ही रहस्यमयी और चौका देने वाली जानकारियों को लगातार पाने के लिए आप हमारे साथ बने रहे और कमेंट के जरिये अपने सुझाव और विचार भी जरुर साझा करें.

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