Sunday 2 April 2017

Insanon ne Banaya Dharti Par Nark ka Darvaja | इंसानों ने बनाया धरती पर नर्क का दरवाजा | Door to Hell Made by Human

इंसानों ने बनाया धरती पर नर्क का दरवाजा
दोस्तों हम सभी बचपन से ही स्वर्ग और नर्क के बारे में सुनते आ रहे है लेकिन क्या आपमें से किसी ने कभी नर्क के दरवाजे को अपनी आँखों से देखा है? अगर नहीं तो कोई बात नहीं, क्योकि आज हम आपको धरती पर मौजूद एक ऐसी जगह के बारे में बताएँगे जहाँ मौजूद है नर्क का दरवाजा.

दोस्तों धरती के कई अजूबों में से एक ये अजूबा तुर्कमेनिस्तान के दरवेजे गाँव में स्थित है जिसे सभी  Door to Hell के नाम से जानते है. दरअसल इस गाँव में 230 फीट चौड़ा और करीब 65 फीट गहरा एक क्रेटर यानि के गड्ढा है और ये गड्ढा 1971 से प्राकृतिक रूप से लगी आग से धधक रहा है. इस क्रेटर के बनने के पीछे भी एक रोचक कहानी है क्योकि इसके बनने में इंसानों का हाथ है.
इंसानों ने बनाया धरती पर नर्क का दरवाजा
इंसानों ने बनाया धरती पर नर्क का दरवाजा
कैसे बनाया इंसानों ने नर्क का दरवाजा :
1971 में तुर्कमेनिस्तान का दरवेजे गाँव एक डेजर्ट एरिया हुआ करता था और उस वक़्त सोवियत संघ के वैज्ञानिक आयल और गैस की खोज में इस एरिया में घूम रहे थे. उन्होंने दरवेजे गाँव में स्थित इस जगह को अपनी खोज के लिए चुना और यहाँ ड्रीलिंग शुरू कर दी.

ड्रीलिंग शुरू करने के कुछ देर बाद ही वहाँ की जमीन नीचे धस गयी और वहाँ 230 फीट चौड़ा व 65 फीट गहरा एक गड्ढा बन गया. वैसे इस दुर्घटना में किसी की जान नहीं गयी, लेकिन क्रेटर से तेजी से मीथेन गैस निकलने लगी. मीथेन गैस एक ग्रीनहाउस गैस है और जैसे ही इस गैस ने वातावरण में फैलना शुरू किया वैसे ही इसने इंसानों और वातावरण दोनों पर अपने प्रतिकूल प्रभाव दिखाने शुरू कर दिए. इसलिए जरूरी था कि तुरंत मीथेन गैस के इस रिसाव को जल्दी से जल्दी रोका जाएँ.

अब इस रिसाव को रोकने के सिर्फ 2 तरीके थे, पहला तो ये कि इस गड्ढे को दोबारा से भर दिया जाए, लेकिन इसमें बहुत सारा खर्च भी था और गड्ढे को भरने में बहुत समय भी लगता.

जबकि दूसरा तरीका था कि मीथेन गैस में आग लगा दी जाए और वैज्ञानिकों ने दूसरा तरीका अपनाना बेहतर समझा और क्रेटर को आग लगा दी गयी.
Door to Hell Made by Human
Door to Hell Made by Human
वैसे वैज्ञानिकों ने सोचा था कि कुछ ही दिनों में यहाँ की सारी मीथेन गैस खत्म हो जायेगी और ये आग खुद ही भुझ जायेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उस गड्ढे में आज भी पिछले 46 साल से उतनी ही तेज आग जल रही है जितनी पहले दिन थी. इससे ये पता चलता है कि वहाँ मीथेन गैस का कितना बड़ा भण्डार था. लेकिन जब कोई इस गड्ढे को और इसमें धधकती हुई आग को देखता है तो उस इंसान के मन में सिर्फ एक ही चीज आती है और वो है नर्क, इसीलिए इस दरवाजे को नर्क का दरवाजा / Door to Hell नाम दे दिया गया.

बन चूका है टूरिस्ट प्लेस :
वैसे तो कोई भी नर्क में नहीं जाना चाहता लेकिन तुर्कमेनिस्तान में स्थित ये नर्क का दरवाजा विश्व के सबसे फेमस टूरिस्ट प्लेस में से एक है. इस गड्ढे को देखने का अलसी मजा रात के समय ही आता है क्योकि अँधेरे में इसमें से निकलने वाली आग की लपटें, पिंघलती हुई धरती और सुनहरी आभा सभी का मन मोह भी लेती है और कईयों के मन में दहशत भी पैदा कर देती है.

तो दोस्तों ऐसी ही रहस्यमयी और चौका देने वाली जानकारियों को लगातार पाने के लिए आप हमारे साथ बने रहे और कमेंट के जरिये अपने सुझाव और विचार भी जरुर साझा करें.